हमारे बारे में
चिरांद विकास परिषद – जड़ों से जुड़े, भविष्य की ओर अग्रसर।
चिरांद विकास परिषद एक गैर-सरकारी संगठन है जो बिहार के सारण जिले के चिरांद में स्थित है। हम जमीनी स्तर पर ग्रामीण विकास, शिक्षा और सांस्कृतिक धरोहर पर कार्य करते हैं।
नवपाषाण काल (2500–1345 ईसा पूर्व) के इस जन्मस्थल में हम पुरातत्त्व की रक्षा, शिक्षा के माध्यम से सशक्तिकरण और समुदाय विकास को बढ़ावा देते हैं। हम विद्वानों, विद्यालयों, संस्थानों और परिवारों के साथ मिलकर पहचान की रक्षा करते हैं और प्रगति की ओर अग्रसर होते हैं।
और पढ़ें →हमारे उद्देश्य और दृष्टिकोण
🎯 हमारे उद्देश्य:
भारतीय कला, संस्कृति, धर्म, आध्यात्मिक इतिहास और विरासत से संबंधित विषयों पर शोध और पुस्तक तथा पत्र पत्रिकाओं का प्रकाशन। आयुर्वेद के विकास के साथ काम करना। पत्रकारिता एवं शिक्षण संस्थानों के अध्ययन से सनादिध् को विकास की गति मिलेगी।
और पढ़ें →🔭 दृष्टिकोण:
एक न्यायपूर्ण, शिक्षित समाज जो आधुनिक संभावनाओं को अपनाते हुए सांस्कृतिक जड़ों को बनाए रखे।
और पढ़ें →हमारा कार्य
सांस्कृतिक कार्यक्रम
सांस्कृतिक गतिविधियाँ।
सांस्कृतिक आयोजन
स्थानीय विरासत का उत्सव।
गंगा आरती कार्यक्रम
गंगा नदी के किनारे आध्यात्मिक आरती।
चिरांद के बारे में
चिरांद, छपरा से लगभग 10 किमी दक्षिण-पूर्व में गंगा के तट पर स्थित है, जो गंगा, घाघरा और गंडकी नदियों के प्राचीन संगम पर स्थित है। यह क्षेत्र नवपाषाण सभ्यता की उपजाऊ भूमि रही है — जहाँ 2500 ईसा पूर्व से लेकर पाल काल तक ऐतिहासिक निरंतरता के प्रमाण मिलते हैं।
टीले पर 1503 ईस्वी में बना एक मस्जिद, एक हिंदू मंदिर के अवशेषों को समेटे हुए है — जो सांस्कृतिक परतों का प्रतीक है। 1970 में हुई खुदाई में गंगा घाटी में उत्तरी भारत की पहली नवपाषाण सभ्यता के प्रमाण मिले थे।
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हमारा पता
चिरांद विकास परिषद
ग्राम चिरांद, थाना डोरीगंज,तिवारी घाट
जिला सारण, बिहार – 841211
भारत
📞 संपर्क:
7070724974📧 ईमेल:
chirandvikasparishad@gmail.com